यहां गैरमजरुआ जमीन के सस्ते रेट में बना रहे फर्जी दस्तावेज, ऑनलाइन रिकार्ड से भी छेड़छाड़…

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Jharkhand Land Record Jharbhoomi गैरमजरुआ जमीन के फर्जी दस्तावेज और लैंड रिकार्ड में बदलाव कर अवैध जमाबंदी की जा रही है। भू-माफिया और अफसरों का गठजोड़ इतना हावी हो गया है कि उनकी पहुंच अब एनआइसी तक बन चुकी है। ऑनलाइन रिकार्ड के साथ भी छेड़छाड़ की जा रही है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Land Record, Jharbhoomi झारखंड विधानसभा के मुख्य सचेतक (विरोधी दल) बिरंची नारायण ने राज्य में बड़े पैमाने पर भूमि की अनियमितता और अवैध जमाबंदी का मामला उठाया है। उन्होंने इस संदर्भ में राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिख ऐसे सभी मामलों की जांच कराने और इस कार्य में लिप्त दोषी पदाधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।

प्रधान सचिव को प्रेषित पत्र में बिरंची नारायण ने कहा कि रांची सहित झारखंड के विभिन्न जिलों में भूमि की अवैध जमाबंदी और अनियमितताओं से जुड़े मामलों की भरमार है। रांची के 22 अंचलों के अंतर्गत 35 हजार एकड़ से अधिक भूमि की अवैध जमाबंदी और इससे संबंधित 17488 आवेदन लंबित होने का उल्लेख भी उन्होंने किया। कहा, गैरमजरुआ जमीन के फर्जी दस्तावेज और लैंड रिकार्ड में बदलाव कर अवैध जमाबंदी की जा रही है।

भू-माफिया और अफसरों का गठजोड़ इतना हावी हो गया है कि उनकी पहुंच अब एनआइसी तक बन चुकी है। अब ऑनलाइन रिकार्ड के साथ भी छेड़छाड़ की जा रही है। रजिस्ट्री ऑफिस के पदाधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण आदिवासी, गैर मजरुआ, खास महल, कैसरे हिंद, वन विभाग के साथ-साथ तालाब, नदी-नालों की जमीन की रजिस्ट्री भी आसानी से हो जा रही है। यह काफी गंभीर और जांच का विषय है।

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झारभूमि के सॉफ्टवेयर में भारी चूक उजागर, जो अधिकारी धनबाद में नहीं रहे कभी पोस्टेड, उनके नाम जारी हुआ डिजिटल सिग्नेचर

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राज्य के भू-राजस्व विभाग ने धनबाद जिला के विभिन्न अंचलों में म्यूटेशन व जमीनों के निबंधन में गड़बड़ी के आरोपों को देखते हुए 14 मामलों की सूक्ष्मता से जांच कराने को कहा था. उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने अपर समाहर्ता श्याम नारायण राम की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बना कर पूरे मामले की जांच करायी. जांच के क्रम में पता चला कि धनबाद के अंचलाधिकारी के रूप में श्रवण राम, अंचल निरीक्षक के रूप में जय शंकर पाठक तथा राजस्व उप निरीक्षक के रूप में सुधील कुमार के नाम से डिजिटल सिग्नेचर जारी किया गया है. विशनपुर एवं बारामुड़ी की जमीनों के म्यूटेशन में इन तीनों के डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग हुआ है, जबकि हकीकत में ये तीनों अधिकारी-कर्मी धनबाद में पदस्थापित ही नहीं रहे.

जमीन घोटाले की जांच सीआइडी से कराने की अनुशंसा, दोषी पदाधिकारियों व कर्मचारियों पर गिरेगी गाज, दिये ये निर्देश

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रांची : झारखंड के राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव केके सोन ने धनबाद जिले में जमीन निबंधन व दाखिल खारिज में हुए फर्जीवाड़े और अनियमितता की जांच सीआइडी से कराने की अनुशंसा की है. सचिव ने सीआइडी के अपर महानिदेशक को पत्र लिखा है और उन्हें अब तक इस संबंध में हुई जांच प्रतिवेदन की कॉपी दी गयी है. साथ ही लिखा गया है कि झारभूमि पोर्टल पर खतियान व पंजी टू के बीच क्रॉस चेक मेकेनिज्म नहीं रहने के कारण भी त्रुटिपूर्ण नामांतरण की स्वीकृति हो सकती है, इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में एनआइसी झारखंड से प्रतिवेदन की मांग की गयी थी. एनआइसी की ओर से बताया गया था कि दाखिल खारिज के दौरान पोर्टल पर खतियान व पंजी टू से संबंधित सभी सूचनाएं अंकित रहती है. अंचल अधिकारी अगर भूमि का सत्यापन विधिवत करें, तो गलत होने का प्रश्न नहीं उठता है.